जीवन में सफल होने के लिए प्रभावशाली अश्त्र हैं आकर्षक व्यक्तित्व जरुरी है समझदारी से सद्गुणों को अपनाना।
आकर्षक व्यक्तित्व का विकास भी कला है। इस कला को सीखने का सबसे बेहतरीन और सुंदर समय किशोरावस्था है। अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोग बहुत ज्यादा सुंदर नहीं होते हैं और बहुत महंगे कपड़े नहीं पहनते हैं, बहुत अमीर भी नहीं होते हैं और बहुत बुद्धिमान नहीं होते हैं, फिर भी वे दूसरों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। हर कोई उनसे मिलना चाहता है, वे भी दोस्त बनना चाहते हैं। क्यों होता है ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिए है क्योंकि उस व्यक्ति में एक प्राकृतिक आकर्षण होता है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
संतुलित शरीर ( Balanced Body ) :
व्यक्ति को आकर्षक बनाने वाले मुख्य गुणों में पहला नंबर हमारे शरीर की बनावट, स्वच्छता और हमारी पोशाक का होता है। इसलिए सबसे पहले हम शारीरिक बनावट पर ध्यान देते हुए, यह समझ लेना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति से सुंदर नैननक्स , गोरा रंग , बड़ी बड़ी आंखें नहीं मिलती हैं। दूसरा यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि समय के साथ सुंदरता के मापदंड भी बदलते हैं। हालांकि, आकर्षक व्यक्तित्व के लिए शरीर की बनावट तो अच्छी होना ही चाहिए। व्यक्ति न तो बहुत मोटा है और न ही बहुत पतला हो । इसके लिए अधिक कुछ नहीं , केवल नियमित व्यायाम और संतुलित आहार ही आवश्यक है।
स्वच्छता ( Cleanliness ) :
संतुलित शरीर के साथ-साथ हमें शरीर की स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए। त्वचा बिल्कुल साफ और स्वच्छ होनी चाहिए। बालों, आंखों, दांतों और नाखूनों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
हमारी पोशाक ( Our Dress ) :
उसके बाद पोशाक का नंबर आता है , इस संबंध में यह जानना आवश्यक है कि कपड़े महंगे हों , यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं है , साफ सुथरे ढंग से इस्तरी किये हुए एवं शरीर पर अच्छे लगने वाले अवश्य हो। फैशन के पीछे अंधी दौड़ उचित नहीं हैं। फैशन वाली पोशाक हर किसी पर जचती। पोशाक के अतिरिक्त जूते आदि को भी ध्यान देना चाहिए।
बातचीत का ढंग ( Conversation Mode ) :
बनावट और पोशाक के बाद बातचीत के ढंग का नंबर आता है। यह आकर्षक व्यक्तित्व का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति की आवाज और भाषा अच्छी हो , आवाज अत्यंत मधुर और सीधी होनी चाहिए। स्वर न तो बहुत ऊंचा होना चाहिए और न ही बहुत कम। इसके अलावा, उसमें आत्मविश्वास, लगाव और दुसरो की प्रशंसा की भावना होनी चाहिए। याद रहे , बातचीत से ही आप बहुत सारे दोस्त और अनगिनत दुश्मन बना सकते हैं।
प्रभावशाली भाषा ( Impressive Language ) :
आवाज के साथ-साथ आपकी भाषाशैली भी बहुत प्रभावीशील होनी चाहिए। बातचीत करते समय बार-बार अटक जाना या अनुचित शब्दों का प्रयोग करना या शरमाते हुए या मुख मुद्रा बिगाड़ते हुए बात करना आकर्षक व्यक्तित्व के लिए अत्यंत घातक है।
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मनमोहक मुस्कान ( Attractive Smile ) :
आकर्षक व्यक्तित्व के लिए जो गुण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है , वह है व्यक्ति की शुद्ध , मनमोहक और प्यारी मुस्कान। वास्तव में, यह व्यक्तित्व के लिए एक उत्तम आभूषण है। परिचित हो या अपरिचित, मुस्कान अपने आप में ही सभी के लिए मैत्री का संदेश है।
विचार कीजिये तो पाएंगे कि जो व्यक्ति आपको सबसे प्रिय लगता है। उसका मुख्य कारण यह है कि उसके पास आपको उपहार के स्वरूप में देने के लिए असीमित मुस्कान है , मुस्कुराता हुआ चेहरा न केवल आशा का प्रतीक है , बल्कि खुशी का जीता जागता संदेश भी है।
अतः कोशिश करके मुस्कराने का प्रयत्न कीजिये। लेकिन ध्यान रहे कि यह मुस्कान नकली या जबरन ढकी हुई नहीं होनी चाहिए , बल्कि यह व्यक्ति के भीतर से स्वाभाविक रूप से आनी चाहिए। यह तभी संभव है जब व्यक्ति का आशावादी दृष्टिकोण हो और निराशा को पास भी न आने दे। इसलिए अपने जीवन में एक आशावादी दृष्टिकोण अपनाएं। निराशा के लिए रोने वाला व्यक्ति किसी से प्यार नहीं कर सकता।
सद्गुणों को अपनाएं ( Adopt Virtues ) :
इन सभी गुणों को धारण के बाद नंबर आता हैं , मनुष्यो के स्वाभाव के कुछ मूल गुणों का व्यक्ति सहृदय , मैत्रीपूर्ण , स्वार्थहीन , होना चाहिए। ईर्ष्या , द्वेष , क्रोध कुछ ऐसी दुर्गुण हैं जो किसी व्यक्ति की सुंदरता को खराब करती हैं और उसे लोगों में अप्रिय बना देती हैं। इसलिए हमेशा दूसरों की मदद करने का भाव होना चाहिए। दूसरों की मदद करना न केवल एक आकर्षक व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है , बल्कि एक सफल एवं सुखी जीवन की मूल आवश्यकता है। मनुष्य मूलतः एक सामाजिक प्राणी है। उसे अपने कई कार्यों में विभिन्न लोगों की सहायता और सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। यदि वह दूसरों की मदद करना जानता है, तभी वह दूसरों का सहयोग प्राप्त कर सकता है। सभी को यह समझना चाहिए कि उनके माता-पिता, भाई, दोस्त, रिश्तेदार उन्हें तब अधिक पसंद करेंगे और उनका सहयोग देंगे और उनकी मदद करने के लिए तैयार होने पर भी उनका समर्थन करेंगे।
दूसरों की अच्छे गुणों की प्रशंसा करें ( Praise The Good Qualities Of Others ) :
इसके अतिरिक्त एक और महत्वपूर्ण गुण यह है कि आप दूसरों के गुणों पर ध्यान देना और उनके अच्छे कार्यों की प्रशंसा करना। क्योंकि प्रशंसा की आशा करना मनुष्य का स्वभाव है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे कामों की प्रशंसा की जाए , अतः कभी भी गुणी व्यक्ति की प्रशंसा करना नहीं भूलना चाहिए , लेकिन प्रशंसा को चापलूसी के स्तर तक निचा न गिराइये ।
कुछ लोगों की आदत होती है की वे दूसरों को खुश करने के लिए झूठी प्रशंसा करते है। यह एक गलत बात है , व्यर्थ की प्रशंसा किसी व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ती है , इसलिए हमें चाहिए की मन से दूसरों के उनके अच्छे कामों के देख समझ कर उनकी तारीफ करें ताकि उन्हें प्रसन्नता मिले।
शिष्टाचार व् नम्रता ( Manners & Meekness ) :
शिष्टाचार और नम्रता एक आकर्षक व्यक्तित्व के विशिष्ट गुण हैं। अपने से बड़ो से मधुर आवाज में नम्रता और आदर पूर्वक बात करना और छोटों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करना हमें सभी के बीच लोकप्रिय बनाता है। दूसरों की गलती को सहज तरीके से माफ कर देना और अपने दोषों के लिए दूसरों से माफी मांगना अच्छी बात है। ऊंची आवाज में बात करना अशिष्टता है।
निंदा न करें ( Do not Condemnation ) :
इसके अलावा , किसी की निंदा न करना एक बहुत बड़ा गुण है। अक्सर लोग पीठ पीछे अपने दोस्तों कीबुराई करते हैं। यह बहुत गलत और घातक होता है। मान लीजिए कि आपका दोस्त उस बुराई को सुन ले तो है एक दोस्ती टूट जायेगी और दूसरा वह सदा के लिए आपका आलोचक बन जाएगा।
कार्य में कुशलता ( Work Efficiency ) :
यह तो रही बात स्वाभाव की , इन सब बातों के अलावा एकअन्य गुण का होना बेहद आवश्यक है। अन्यथा सभी गुण बेकार हो जाएंगे। वह है आपका अपने काम में पारंगत होना। अगर आप पढ़ते हैं , तो आपको अपने सभी विषयों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
आपने देखा होगा कि स्मार्ट छात्र शिक्षकों , माता-पिता , सहपाठियों की आधी प्रशंसा तो ऐसे बटोर लेते है। इसलिए अपने काम में होनहार बनिये , अपनी पढ़ाई के अलावा देश , विदेश के बारे में मनोरंजक और ज्ञानवर्धक जानकारी रखें और व्यक्ति में आत्मविश्वास जगाता है और उसका निर्माण करें। यह लोगों के बीच लोकप्रिय है।
इसके अतिरिक्त , अपने वादे के बारे में पक्का होना , झूठे वादे न करना , समय देने पर समय पर पहुंचना , दूसरों के विचारों को ध्यान से सुनना और उचित निस्वार्थ राय देना आकर्षक व्यक्तित्व के लिए पोषक है।

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