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सफलता की कुंजी : उच्च आत्मविश्वास | Key to Success: High Confidence

निराशा और आत्महीनता को परे धकेल कर विजय का विस्वास मन में जगाईये , बाधाओं से लड़कर लक्ष्य हासिल कर ही दम लीजिये। 


कई बार आपके साथ भी ऐसा होता होगा की किसी बिषय का प्रयाप्त ज्ञान व् अनुभव  होने के बावजूद उस बिषय से सम्बंधित बात आप दुसरो के समक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रख पाते। कई बार ऐसा भी होता है किसी कार्य को करने की प्रयाप्त योग्यता के बावजूद आप उसे कर नहीं पाते। इस का कारण यह है की आत्मविश्वास की कमी का होना। 


Key to Success High Confidence सफलता की कुंजी उच्च आत्मविश्वास


आत्मविश्वास की उपादेयता ( Self-Confidence ) :


असल में हमारे जीवन में आत्मविस्वास का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बिना आत्मविस्वास के हम कुछ भी करने में असमर्थ है। अतः जीवन में आत्मविश्वास की महत्वपूर्ण उपादेयता से इंकार नहीं किया जा सकता। हमारे अंदर जीतनी भी शारीरिक और मानसिक शक्तियां होती है उनका उपयोग बिना आत्मविश्वास के असंभव है। आत्मविश्वास ही आत्मविश्वास ही हमारी समस्त शारीरिक व् मानसिक शक्तियों का आधार होता है। 


अक्सर देखा जाता है की स्कुल व् कालेज में कोई सांस्कृत कार्यक्रम होता है तो उसमे बहुत कम छात्र - छात्राये भाग लेते है क्योकिं अधिकांश तो मंच पर जाने से ही कतराते है। ऐसा नहीं है की उन्हें गायन , भाषण आदि में कम ही छात्र छात्राये निपुण हो। अधिकांश इन कलाओं में निपुण होने के ;बावजूद भी मंच पर नहीं जाते है। क्योकि उनमे आत्मविश्वास नहीं होता। वे किसी प्रकार मंच पर पहुंच भी जाते है तो वहाँ उनके हाथ पैर फूलने लगते है। वे जो कुछ भी बोलना और प्रस्तुत करना जा रहे होते है उसे भूल जाते है। इसलिए आत्मविश्वास की कमी के कारण उनकी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। 

वास्तव में आत्मविश्वास की कमी के कारण ही अधिकांश लोग अपने आप को सही ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते है। मनुष्य की योग्यता चाहे कितनी ही अधिक क्यों न हो , परन्तु उसे सफलता वही तक मिलती है , जहाँ तक वह अपनी योग्यता को स्वयं समझता हो। योग्यता को स्वयं समझने का मतलब है की वह अपनी योग्यता पर कहा तक विश्वास करता है। अतः स्वयं के विश्वास में ही सफलता या असफलता निर्भर करती है। 


कई बार ऐसा होता है की किसी कार्य  को करने की योग्यता हमारे अंदर नहीं होती। लेकिन फिर भी हमारे मन में ऐसा विचार आ जाता है की अमुक कार्य हम कर सकते है। 


इसी विचार को लेकर जब उस दिशा में काम किया जाता है तो योग्यता के आभाव में ही सफलता मिल ही जाती है। यह सब हमारे आत्मविश्वास के कारण होता है जो स्वतः ही हम में योग्यता भर देता है। 


मन का शक्ति केंद्र ( Power Center of Mind):



वस्तुतः आत्मविश्वास हमारी सभी शारीरिक व् मानसिक शक्तियों का केंद्र बिंदु है। अगर स्वयं पर विश्वास हो तो जीवन के विविध क्षेत्रो में सफलता की सर्वोच्च शिखर पर पंहुचा जा सकता है। 

ऐसे अनेक अवसर आते है जब आत्मविश्वास के अभाव में हमारे पास योग्यता होते हुए भी हम उसका लाभ नहीं उठा पाते है। इसलिए आवश्यक यह है की ऐसी परिस्थितियों में अपना आत्मविश्वास दृढ रखा जाय। अपनी योग्यता को कभी कम मत समझिये। यदि आत्मविश्वास के साथ अपनी योग्यता को दुसरो के समक्ष प्रस्तुत किया जाय तो उसका मूल्यांकन अवश्य होगा। 


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कैसे बनाये रखे आत्मविश्वास ( How To Maintain Confidence ):


प्रश्न यह उठता है की कैसे आत्मविश्वास को बनाये रखे। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की अपने अंदर आत्महीनता की भावना को कभी न पनपने जाय। जो भी कार्य करे पुरे विश्वास के साथ करे। यह कार्य हमसे नहीं होगा या यह कार्य ठीक नहीं होगा। जैसी बाते सोचना भी असफलता की निशानी है। अतः कार्य के प्रति पूर्ण विश्वास निरंतर आवश्यक है। 

किसी भी प्रतियोगिता या कार्यक्रम में हिस्सा लेते समय यह कभी नहीं सोचना चाहिए की उसमे और भी कितने लोग भाग ले रहे है। अतः मेरा नंबर आना मुश्किल है। इसी प्रकार अपनी रुचियों व् विचारो वाले अन्य व्यक्तियों से मिलने जुलने से भी आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है। अपने अंदर जो विभिन्न योग्यताएं या क्षमताएं होती है। उनको दबाये नहीं बल्कि अवसर विशेष पर उन्हें व्यक्त करे। किसी भी बिषय पर बात करे तो पुरे विश्वास से करे। आपको सफलता का मार्ग अवश्य मिलेगा। 

कई बार ऐसा होता है की किसी व्यक्ति का पूरा ज्ञान व् अनुभव नहीं होता , फिर भी वह अपनी बात को दुसरो के समक्ष इतने विश्वास से  रखता है की सुनाने वाला उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। इसका कारण उसका उच्च आत्मविश्वास ही होता है। 

आत्मविश्वास की प्रबलता ( Confidence Predominance ):


अतः शारीरिक और मानसिक योग्यताओं के साथ साथ आप आत्मविश्वास भी प्रबल होगा तो आप सफलता की सर्वोच्चता पर पहुंच सकते है। 

किसी मनुष्य में मौजूद गुणों से ही उसका व्यक्तित्व बनता है। इनमे आत्मविश्वास बहुत ही आवश्यक है। अच्छे खासे समझदार आदमी का भी कोई बड़ा फैसला लेते समय आत्मविश्वास डगमगाते देर नहीं लगती। बिना आत्मविश्वास के लिया हुआ फैसला गलत हो सकता है। इसके बाद पछताने के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता है। इसलिए जरुरी है की हम अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करें। 

जिसमे आत्मविश्वास होता है , वह किसी भी काम को पूरा करने में सफल रहता है। यदि अपने पर भरोशा हो तो चाहे कितनी भी कठिनाई आएं। आप अपने काम को पूरा करके ही चैन क साँस लेंगे। यह गुण ही हमें शिखर पर ले जाता है। 

सफलता की कुंजी ( key To Success ) :


आत्मविश्वास जिंदगी के लम्बे और अँधेरे सफर में रोशनी की किरणे बन कर  आप को राह दिखाता है। इसके बिना अपनी मंजिल पर पहुंच पाना ही मुश्किल है। जब हम अपने किसी लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ते है तो इसी कारण हम लगन और उत्साह के साथ काम कर पाते है। 

जँहा तक इसकी काम होती है। वँहा हमें असफलता के साथसाथ बेचैनी और निराशा 
ही झेलनी पड़ती है। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति , सभी अंग सही सलामत होने के बावजूद अपंग है। यह ऐसी कमी है जो आपके व्यक्तित्व को निखरने नहीं देती। फिर आप चाहे अच्छे खासे डीलडौल वाले क्यों ना हो। आप अपना प्रभाव किसी पर भी नहीं डाल सकेंगे । 

जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है , वह हमेशा दुविधा में जीता है। वह अपने को सदा कशमकश में पाता है। वह जिंदगी में कदम कदम पर अदिशो से घिरा होता है। और हमेशा अपने से अनजान रहता है। 

आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। जब आप कोई भी  करने को सोचते है तो उसके परिणाम के बारे में अवश्य सोच ले। यदि आप शुरू में ही मान के चले की आप को इस काम में  सफल होना है , तो आप अपना काम ठीक से कर पाते है। और आपको अपने काम में सफलता ही मिलती है। लेकिन अगर आप काम शुरू करने से पहले ही अदिशे में घिरे रहेंगे तो ऐसे में आप ठीक ढंग से काम नहीं कर पाएंगे। और आपके हाथ असफलता लगेगी। 

जिंदगी के सफर में जँहा आपको लगे की आप में आत्मविश्वास की कमी  है तो फौरन रुक कर प्रयास करिये। आत्मविश्वास  बढ़ाने के लिए यह ऐसी चीज है , जो किसी को रुकने नहीं दे सकता। यह तो हमेंअपने भीतर खुद ही  विकसित करनी पड़ती है। युवा पीढ़ी में इस गुण का होना बहुत ही जरुरी है। क्योकि उनका भविष्य सामने होता है। 





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