अपने जीवन में सफल व्यक्तियों की सफलता का क्या रहस्य रहा है। वे सफल क्यों कहे गए है। और आपको सफलता क्यों नहीं मिल रही है।
अगर आप ईमानदारी से उनके और अपने जीवन के कार्यकलापों पर निगाह दौड़ाये तो खुद ब खुद आपको वस्तुस्थिति की जानकारी मिल जाएगी। आज सफल कहे जाने वाले लोगों को सफलता सहज में ही प्राप्त नहीं हो गयी। वरन उन्होंने उसकी प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम द्वारा परिस्थतियों को अपने अनुसार ढाला है।
बहुत से लोगो को यह गलत फहमी रहती है की जो आदमी सफल रहा है , उसके पीछे उसका ऊँचा परिवार , संपत्ति और अच्छी शिक्षा या फिर वंश परंपरा रही है। लेकिन वास्तविकता इससे कोशो दूर है। यह तो माना जा सकता है की कुछ हद तक सफलता प्राप्ति में ऐसे लोगो को सुविधा रहती है। लेकिन अगर उनमे स्वयं गुण न हो तो राजा के बेटे को राजा , और डॉक्टर के बेटे को डॉक्टर , और वकील के बेटे वकील कभी नहीं बन सकते। अगर सफलता उच्च परिवार की धरोहर होती तो लाल बहादुर शास्त्री कभी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बनते। और न ही अब्रहाम लिंकन कभी अमेरिका के राष्ट्रपति।
सफलता और मन ( Success & Mind ) :
मनुष्य को जीवन में सफलता दिलाने में सब से बड़ा योगदान स्वयं उसके मन का होता है। जब तक किसी कार्य करने के लिए आप मन ही मन दृढ़ निश्चय नहीं करेंगे , तब तक आप कुछ नहीं कर सकते। अतः मन को मजबूत कर दृढ़ संकल्प तथा श्रेठ विचारों के साथ आपको बढ़ना होगा।
अगर आपके मन में गंदे विचार नहीं है तो आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। और आपके व्यक्तित्व का भी तभी विकास होगा।
जब आपका मन दृढ और विचार अच्छे हो जायेंगे तो आप मानसिक तनाओं से मुक्ति का रहस्य भी जान जायेंगे। अगर कभी आप अपने को कमजोर महसूस करेंगे तो वैसे समय में अच्छे विचार और सही मानसिकता आपका सम्बल बनेंगे। जिस प्रकार सूर्य के उदय होने पर अँधेरा दूर हो जाता है। उसी प्रकार आपका मष्तिष्क भी भय रहित होकर सही दिशा में सोचने लगता है।
मनुष्य का मन स्वभावतः चंचल होता है। और उससे अनेक विचारो का उदय होता है। लेकिन सफलता के लिए आवश्यक है की आप केवल शुध्द और सुलझे हुए विचारों को ही ग्रहण करें। जब कभी भी मन में बुरे विचार हावी हो , उनके चंगुल से बचने की कोशिस करें।
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सफलता और मानसिक संतुलन (Success & Composure ) :
मनुष्य की सफलता उसके मानसिक संतुलन पर निर्भर करती है। अगर हम अपने मन को नियंत्रण रखने और उसे सही दिशा में चलने में सफलता मिल जाती है। तो सफलता हमसे ज्यादा दूर नहीं रह पायेगी। क्योकि अगर हमारा मन सही दिशा में चलने लगे तो मानसिक विचार भी उसी दिशा में चलते है। और इससे मष्तिस्क दृढ हो जाता है।
मन से ही शारीरिक स्वास्थ्य का रिश्ता है। अगर आपका मन स्वस्थ न हो तो आपका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहेगा। एक बार स्वास्थ्य के ख़राब होने पर मानसिक दृढ़ता भी स्थिर नहीं रह पाएगी। क्योकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। अतः सफलता के लिए आवश्यक है की आपका शरीर स्वस्थ रहे। दृढ , स्वस्थ और सुविचारों से भरा मन ही सफलता का आधार है।
अतः अगर आपको जीवन में सफल व्यक्तियों की श्रेणी में अपना नाम लिखवाना है तो अपने मन को नियंत्रण में रखिए तथा उसे उद्देश्य की दिशा में गतिशील करिये , फिर देखिये , सफलता कब तक आप से दूर रहेगी।

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