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आत्मविश्वास की कुंजी : रोचक बातें | Key To Self-Confidence : Interesting Things

आप का व्यक्तित्व तभी छाप छोड़ता है जब आप में कोई आत्मविश्वास की दृढ़ता हो। आत्मविश्वास व्यक्तित्व का एक अहम् हिस्सा है। इसके आभाव में हमारा मन ही हीनभावना से ग्रसित हो जाता है। और तरह तरह की आशंकाओं से घिर कर जिंदगी तबाह हो जाती है। हमारा विकास अवरुद्ध हो जाता है। जिंदगी बेमजा हो जाती है। इसलिए हमें अपने आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमेशा सजग  सचेष्ट रहना चाहिए। 


Key To Self-Confidence  Interesting Things


आत्मविश्वास बढ़ाने में रोचक ढंग से बातचीत करने की कला भी  बहुत सहायक होती है। इससे झिझक मिटती है। मनोबल बढ़ता है। अपनी बातो से दुसरो को प्रभावित होते देख अपने महत्त्व का पता चलता है। अपने आप पर भरोशा बढ़ता है। 


हालांकि बोलते तो सभी है परन्तु किसी भी बात को चाहे वो सामान्य बातचीत हो या ऐतिहासिक , सामाजिक , राजनितिक या मौजूदा हालत पर चर्चा अथवा हास्य या फिर व्यंग की बात ही क्यों न हो। उसे रोचक ढंग से व्यक्ति या व्यक्ति समूह के समक्ष पेश करना आप की सफलता है। या फिर ये कहिये की  आप की व्यक्तित्व की विशेषता है। 


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यही नहीं यह गर्व की बात भी है की अपने वार्तालाप के सही ढंग से आप दुसरो को प्रभावित करने की क्षमता  रखते है। सही समय पर  सही शब्द का इस्तेमाल करने से सुनने वाले लोग वक्ता से प्रभावित होते है। हंसी ठिठोली एवं गंभीर बिषयों पर चर्चा करते समय अपनी बात की किस ढंग से रखी जाए यह जानना आवश्यक है। यह समझदारी विज्ञानं या कानून आदि बिषयों में डिगरी प्राप्त कर लेने से कही बढ़कर है। यह असाधारण विशेषता आपको रोचक व् अच्छे स्वभाव का धनी ही  बनाती है बल्कि खासियत में दुसरो से पृथक भी करती है। 


स्वयं  अभिरुचि उत्पन्न करना व्यक्तिगत गुणों में वृद्धि करना है। इन गुणों में मुख्यतः ज्ञानप्रद बातो का अनुपम ढंग से प्रस्तुतिकरण आता है। जिससे लोगो का ध्यान आकर्षित किया जा सके। इस योग्यता के रहने पर भीड़ में भी वह व्यक्ति पहचाना जा सकता है। 


अनन्य पहचान कैसे बनती है। इसके लिए निचे लिखी गयी बातों को ध्यान से पढ़े और अपने जीवन में उपयोग करें। 


ज्ञान के लिए अध्ययन ( Study For Knowledge ) :



अधिकतर लोग अखबार , पुस्तके या पत्रिकाएं पढ़ते है तो वो केवल चुटकले , कार्टून , व्यंजन या एकाध कहानी पढ़कर ही अध्ययन हो गया समझ लेते है। अनुमानतया १०% ही पत्रिकाओं के प्रथम पृष्ठ से लेकर अंतिम पृष्ठ तक ध्यान पूर्वक ज्ञान विज्ञानं , खेल कला व् राजनितिक आदि विषयों और सामयिक समस्याओं व् घटनाओ पर लेख तथा अंतराष्ट्रीय खबरे आदि पढ़ते है , न केवल दुसरो को सुनाने के लिए बल्कि स्वयं की संतुष्टि हेतु भी उक्त बातों की जानकारी जरुरी है। इस सामान्य ज्ञान के द्वारा ही आत्मविश्वास , आत्मबल , कर्मठता व् क्षमता जैसे गुण उत्पन्न होते है। जो व्यक्तित्व की पहचान बनते है। 

इसलिए प्रत्येक सुबह कुछ मिनट अखबार के लिए निकालिये , कम से कम समाचारो के मुख्य शीर्षक , वार्तालाप लेखो के प्रथम २ अनुच्छेद व् विश्लेषणात्मक लेखो पर एक नजर अवश्य डालिये। रविवार के दिन देश के उच्च स्तर के समाचार पत्र खरीद कर पढ़िए। जिनमे व्यापारिक गतिविधियों का विश्लेषण , पुस्तक समीक्षा ,उक्त विषयों का तुलनात्मक अध्ययन और नए अविष्कारों आदि पर विस्तृत जानकरी उपलब्ध रहती है। 


अच्छी पत्रिकाएं , पुराने व् बड़े लेखकों क उपन्यास , कविता संग्रह व् कहानिया केवल आप को आनंदित नहीं करेगी बल्कि उनसे आपका मस्तिष्क भी साहित्यिक व् सृजनात्मक बनेगा। काल्पनिक साहित्य , जो मिथ्या से दूर हो , पढ़ना अच्छा है , इससे ऊब महसूस नहीं होती है। 

समय समय पर देश के विभिन्न  भागो में संभव हो तो विदेशो में भी यात्रा का कार्यक्रम बनाते रहिये। इसके माध्यम से आपको क्षेत्रीय जनजीवन , कला , संस्कृत व् इतिहास की आंखोदेखि जानकारी मिलेगी। पर्यटन का यह शौक व् ज्ञान में वृद्धि करने का स्वप्न आप छुट्टियों में साकार कर सकते है। साथ ही बच्चे भी इससे लाभान्वित होंगे। 















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