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आपके सुखद भविष्य का निर्माता कौन ? Who is The Creator Of Your Happy Future ?

 भाग्यवाद में भरोशा रखने वाले को सफलता नहीं मिलती। सफलता अपने भविष्य को स्वयं बनाने से मिलती है। 


दरवाजा सुन्दर बने , उस की चौखट मजबूत बने। लेकिन यह सुंदरता और मजबूती केवल अच्छे किस्म की लकड़ी पर ही निर्भर करती है। 


चौखट की सुंदरता और मजबूती कारीगर की निपुणता पर भी टिकि हुयी है। कारीगर पहले लकड़ी को सीधी सीधी काटता है। फिर ठीक से नाप जोख करता है। वह लकड़ी के किसी हिस्से को दूसरी लकड़ी से जोड़ने मे भी बड़ी सावधानी रखता है। वह बार बार लकड़ी के सुराख़ के हिसाब से लकड़ी को छील कर उसमे जोड़ता है। 


Who is The Creator Of Your Happy Future  आपके सुखद भविष्य का निर्माता कौन


किशोरावस्था के क्रियाकलाप ही व्यक्ति के सुन्दर व्यक्तित्व की चौखट  निर्माण करते है। आप अपने भविष्य की चौखट के स्वयं निर्माता बन सकते है। 


संभव है की आपके माता पिता भाग्यवादी हो और आपको भी भाग्य के भरोसे छोड़ कर  राहत महसूस करते हो। ऐसा ना हो  की आप स्वयं भी भाग्यवाद में विश्वास करना शुरू कर दे। क्योकि भाग्य कोई चीज नहीं होती , यह कर्म के भोगने वालो की कोरी कल्पना है। 


इस संसार में हमें अब तक जो कुछ भी मिला है और 

आगे जो कुछ भी मिलेगा वह सब हमारे कर्मो पर निर्भर करता है। 




अपनी भागीदारी समझें ( Understand your participation ):


भविष्य निर्माण में आप अपनी भागीदारी का महत्त्व समझे। एक किशोर शरीर से शक्तिवान होता है , किन्तु अगर वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन सड़क के पत्थरों पर करता है , वह सड़क के पत्थरों को ठोकर मार कर उछालता है। उन्हें इधर से उधर ठेलता है तो वह शक्ति का सही उपयोग नहीं है। इस क्रियाकलाप से उसके पाँव का पंजा जख्मी हो सकता है। सड़क के अन्य व्यक्ति को चोट लग सकती है। वह स्वयं भी सड़क पर किसी वाहन से टकरा सकता है। 


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किन्तु एक समझदार किशोर अपनी शक्ति का प्रदर्शन मैदान में गेंद उछाल कर करेगा। उसकी उछलती हुयी गेंद देखकर उसके साथी और शिक्षक उसकी पीठ थपथपाये। 


शक्ति की वाष्परूपी ऊर्जा यदि आप सुनियोजित ढंग से खर्च करते रहेंगे

तो आपके भाग्यवादी मातापिता भी आप के कर्मवादी क्रियाकलापों में सहयोग करेंगे। 


काम करने की ललक ( Urge to work ) :


बात केवल खेल के मैदान की नहीं है। जीवन के प्रत्येक कदम पर आप की मानसिकता में सुनियोजित ढंग से काम करने की ललक , आप के उत्साह में चौगुनी वृद्धि करती रहेगी। एक चतुर कारीगर की तरह आप अपने समय को शक्ति के गुब्बारें में भरते रहिये। आपकी अभिरुचि कार्टून बनाने में है। किन्तु पढाई  के कारण आप अपनी इच्छा को दबाते जा रहे है। आप अपने इस चाव की पूर्ति के लिए एक अच्छा का कागज़ और पेंसिल अपनी जेब में रखिये। जब कभी भी आपको समय मिले तो आप पेंसिल निकालिये और कार्टून बनाने का अभ्यास करते रहे। और समय का सही सदुपयोग करें। इस प्रकार आप धीरे धीरे अच्छे कार्टून बनाने में सफल हो सकते है। 


समय का सदुपयोग ( Good Use Of Time ) :


समय का मूल्यांकन कहना तो सब जानते है , किन्तु 

उसके मूल्य से लाभ उठाना किसी किसी को ही आता है।

 वास्तव में समय का सही सदुपयोग भी एक कला है। 


किसी स्थान पर कोई अच्छा वाक्य देखकर आपका मन होता है की इसे लिख लू। किन्तु आपके पास उस समय कागज नहीं होता है। मैंने कुछ चतुर बच्चो को देखा है की वे अपने घर के दरवाजे की चौखट पर किसी टैग में कागज लटकाकर कर रखते है। वे घर के बाहर जाते समय उसमे से एक कागज़ अपने जेब में रखना कभी नहीं भूलते है। कलम तो प्रत्येक जेब की शोभा बढ़ाती ही  है। अतः आप अपने साथ कागज़ कलम रखना ना भूले।   


पुरुषार्थ ( Efforts ) :


अपना पुरुषार्थ ही आपके भविष्य को सवारता है। अतः सदैव पुरुषार्थ के लिए तत्पर रहे। कोई भी क्षण बेकार न जाने दे। हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण बहुमूल्य होता है। उसका उपयोग आप कैसे करते है। इस पर आपका भविष्य निर्भर है। 


बून्द बून्द से घडा  भरता है। आपके द्वारा चित्रित एक एक कार्टून मिलकर एक बढ़िया एल्बम बना सकते है। आपके द्वारा एकत्रित एक एक डाकटिकट जुड़ कर डाकटिकटों का एक सुन्दर संग्रह बन जाएगा। 


यदि कारीगर सुन्दर और मजबूत फिटिंग वाली चौखट बनायीं है तो उस पर रंग रोगन तो बाद में भी किया जा सकता है। किन्तु यदि फिटिंग ही ढीली हो तो दरवाजा ठीक नहीं बनेगा। अतः आप अपने समय सही फिटिंग यानी सदपयोग के बारे में स्वयं सोचे। आप के अपने प्रयास से मिली सफलता देखकर भाग्यवाद का पल्ला पकड़कर बैठने वाले आश्चर्यचकित हो जाएंगे। 


याद रखिये जो बैठा रहता है उसका विकास रुक जाता है। 

किन्तु जो चलता रहता है वाहन सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है। 


आप चलते रहिये , आगे बढ़ते रहिये , समय का चक्र आपके अनुकूल अवश्य होगा , क्योंकि आप ने अपने भविष्य की चौखट स्वयं बनाने का दृढ निश्चय कर लिया है। 








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