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Showing posts from December, 2020

सफलता की कुंजी : उच्च आत्मविश्वास | Key to Success: High Confidence

निराशा और आत्महीनता को परे धकेल कर विजय का विस्वास मन में जगाईये , बाधाओं से लड़कर लक्ष्य हासिल कर ही दम लीजिये।  कई बार आपके साथ भी ऐसा होता होगा की किसी बिषय का प्रयाप्त ज्ञान व् अनुभव  होने के बावजूद उस बिषय से सम्बंधित बात आप दुसरो के समक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रख पाते। कई बार ऐसा भी होता है किसी कार्य को करने की प्रयाप्त योग्यता के बावजूद आप उसे कर नहीं पाते। इस का कारण यह है की आत्मविश्वास की कमी का होना।  आत्मविश्वास की उपादेयता ( Self-Confidence ) : असल में हमारे जीवन में आत्मविस्वास का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बिना आत्मविस्वास के हम कुछ भी करने में असमर्थ है। अतः जीवन में आत्मविश्वास की महत्वपूर्ण उपादेयता से इंकार नहीं किया जा सकता। हमारे अंदर जीतनी भी शारीरिक और मानसिक शक्तियां होती है उनका उपयोग बिना आत्मविश्वास के असंभव है। आत्मविश्वास ही आत्मविश्वास ही हमारी समस्त शारीरिक व् मानसिक शक्तियों का आधार होता है।  अक्सर देखा जाता है की स्कुल व् कालेज में कोई सांस्कृत कार्यक्रम होता है तो उसमे बहुत कम छात्र - छात्राये भाग लेते है क्योकिं अधिकांश तो मंच पर जान...

सफलता आपकी मुट्ठी में है | Success is in Your Fist

कामयाबी हासिल करने की चाह किसको नहीं होती ? अपने अपने दायरे में इसके लिए सभी प्रयत्न करते रहते है। लेकिन कामयाबी सबको नहीं मिलती है , ऐसा क्यों ? जिन लोगो को कामयाबी नहीं मिलती उसके पीछे जरूर कुछ खामी होती होगी। आमतौर पर आजकल उस खामी को पूर्ति धन से ही करने के प्रति लोगो में अधिक विश्वास पैदा हो गया है। जैसे रोगी का ठीकठाक इलाज करने की दिशा में ऊँचा डॉक्टर और कीमती दवाइयां कब तक कारगर होंगे। इस बिषय में सभी लोग समझते है। फिर भी परहेज के बजाय रोगी चाट पकौड़ी के लिए मन भटकाता रहे तो अच्छा से अच्छा डॉक्टर भी नाकाम हो जायेगा।  इसी प्रकार अच्छी पढाई के लिए अच्छी ट्यूशन और कुंजियों का प्रबंध ही किसी छात्र को प्रथम श्रेणी में नहीं ला सकते। प्रथम श्रेणी के अंक पाने के लिए ट्यूशन और किताबो के अलावा अनेक बाते ऐसी है ।  इसी प्रकार अच्छी पढाई के लिए हर बिषय की ट्यूशन और कुंजियों का प्रबंध श्रेणी में नहीं ला सकते। प्रथम श्रेणीं  के अंक पाने के लिए ट्यूशन के अलावा अनेक बाते ऐसी है जिनके अभाव में छात्र अपने स्थान पर ही कदमताल करता रहेगा। मगर वह आगे नहीं बढ़ पायेगा।  जो छात्र आगे बढ़ने...

सफलता और मनोबल { Success & Morale }

अपने जीवन में सफल व्यक्तियों की सफलता का क्या रहस्य रहा है। वे सफल क्यों कहे गए है। और आपको सफलता क्यों नहीं मिल रही है।  अगर आप ईमानदारी से उनके  और अपने जीवन के कार्यकलापों पर निगाह दौड़ाये तो खुद ब खुद आपको वस्तुस्थिति की जानकारी मिल जाएगी। आज सफल कहे जाने वाले लोगों को सफलता सहज में ही प्राप्त नहीं हो गयी। वरन उन्होंने उसकी प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम द्वारा परिस्थतियों को अपने अनुसार ढाला है।        बहुत से लोगो को यह गलत फहमी रहती है की जो आदमी सफल रहा है , उसके पीछे उसका ऊँचा परिवार , संपत्ति और अच्छी शिक्षा या फिर वंश परंपरा रही है। लेकिन वास्तविकता इससे कोशो दूर है। यह तो माना जा सकता है की कुछ हद तक सफलता प्राप्ति में ऐसे लोगो को सुविधा रहती है। लेकिन अगर उनमे स्वयं गुण न हो तो राजा के बेटे को राजा , और डॉक्टर के बेटे को डॉक्टर , और वकील के बेटे वकील कभी नहीं बन सकते। अगर सफलता उच्च परिवार की धरोहर होती तो लाल बहादुर शास्त्री कभी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बनते। और न ही अब्रहाम लिंकन कभी अमेरिका के राष्ट्रपति।  सफलता और मन ( Success & Mind...

कामयाबी का आक्सीजन है दृढ निश्चय { Oxygen of Success is Firm Determination }

 हर व्यवधान साधना की परीक्षा है। आवश्यक साधन और क्षमता जुटाकर केवल दृढ निश्चय की योग्यता से ही कामयाबी के शिखर पर पहुंचते है। माना की हर व्यक्ति की क्षमता , प्रतिभा , मेहनत  और लगन सभी सफलता के साधन है। मगर सोचिये की  साधनो को तेज गति कौन देता है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है की  इन साधनो को मजबूत बनाने के लिए दृढ़ निश्चय ही आवश्यक है।    जैसे ईंट , चुने और सीमेंट से बने मकान को पक्का करने के लिए पानी की तराई आवश्यक है वैसे ही हम चाहे दुर्गम घाटियों को पार कर पर्वत पर चढ़े , चाहे समुंद्री तूफानों का सामना कर नाव चलाये या फिर अनेक बाधाओं को पार कर अपनी टीम को जीत दिलाये। पक्का इरादा जरुरी है। एक बार जिस रास्ते पर चलने का निश्चय कर लिया उसे बदलना नहीं चाहिए।    आगे बढ़ो ( Move Ahead ) :   कोलम्बस ने अपने मन में ठान लिया था की मुझे भारत का समुंद्री रास्ता खोजना है। रास्ते में उसके खाने पिने की सारी सामग्री समाप्त हो गयी , तब उसके कुछ सहायक मल्लाहो ने पीछे लौटने के लिए उस पर दबाव डाला। थोड़े थोड़े घंटो में अपने अभावों का रोना रोया मगर कोलम्बस बार उनस...